2014 में उच्चतम न्यायालय ने 204 कोयला खदानों के आवंटन को रद्द घोषित कर दिया था। भाजपा सरकार (केंद्रीय और राज्य) ने नियमों में बदलाव किया जिसकी वजह से अडानी समूह को कोयला घोटाले वाली दो खदानें वापस मिली। 2020 में PMO ने नीति आयोग के CEO को एक पत्र में लिखा, यह नियम पारदर्शी ना होने के कारण इसे आगे लागू नहीं किया जाएगा। सिर्फ़ अडानी को इन नियमों में बदलाव से फ़ायदा पहुँचा। The Narendra Modi government brought in a law allowing firms to revive coal deals that the Supreme Court found illegal in 2014, For years Adani Group was the only beneficiary of the law. Though the Modi Government later internally admitted that rules lacked transparency and were “inappropriate”, the government allowed Adani to continue with the deals.
Pawanjot Kaur, Ajay Kumar, Shreegireesh Jalihal and Kumar Sambhav