दिसंबर २ की रात १९८४, मध्य प्रदेश की राजधानी में एक अकल्पनीय त्रासदी घटित हुई जिसमें ३,००० लोगों की हत्या हुई। यूनियन कार्बाइड के प्लांट में से मिथाइल इसोसनाईट का रिसाव हुआ।कुछ दिन बाद यूनियन कार्बाइड के CEO भारत आये उन्हें लापरवाही और असावधानी के कारण जेल भेज दिया गया। वो मात्र 25000 रुपये की जमानत दे कर छूट गए और राजनैतिक सहायता से २४ घंटों में भारत से भाग गए।भारत से व्यापार कायम रखने के लिए यूनियन कार्बाइड ने डमी कंपनियों का इस्तेमाल किया। कई गवर्मेंट (केंद्र और राज्य) कंपनियों के साथ और कई निजी कंपनियों के साथ भी इनका व्यापर १४ साल तक चलता रहा ।यह व्यापार तब तक चलता रहा जब तक डाव केमिकल्स ने इसे खरीद लिया।वीसा पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड, मेगा ग्लोबल सर्विसेज और मेगा वीसा सोलूशन्स ऐसी कुछ नामभर (डमी) कंपनियां थी जिनके बदौलत यूनियन कार्बाइड ने भारत में व्यापार किया।#CarbidePapersExposé
Pawanjot Kaur, Ajay Kumar